Coronavirus संकट: चीन ने दुनिया के बाजार से N-95मास्‍क, ग्‍लव्‍स, गॉगल पर किया 'कब्‍जा', अब मांग रहा पैसा


पेइचिंग
कोरोना महासंकट से दुनिया की आधी आबादी जूझ रही है। इस महामारी की चपेट में आकर अब तक 82 हजार ज्‍यादा लोग मारे जा चुके हैं और 14 लाख लोग इससे संक्रमित हैं। कोरोना महामारी की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई थी और उसकी भूमिका को लेकर विश्‍वभर में संदेह के बादल उमड़ रहे हैं। इस बीच कोरोना महासंकट में चीन की भूमिका को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।


 

अमेरिकी अखबार थीपोचटाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने कोरोना संकट शुरू होने पर दुनियाभर के बाजार से एन-95, मेडिकल प्रॉटेक्टिव सूट, गॉगल्‍स, कीटाणुनाशक, सर्जिकल ग्‍लव्‍स, ऑक्‍सीजन मशीन और मेडिकल वेंटिलेटर को दान के बहाने या पैसा देकर खरीद लिया। ये सभी चीजें कोरोना के मरीजों के इलाज और डॉक्‍टरों तथा पैरामेडिकल स्‍टाफ के लिए बेहद जरूरी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी महीने में किलर कोरोना वायरस के संक्रमण बढ़ने पर चीन के अधिकारियों ने व‍िश्‍वभर के बाजारों से अरबों मास्‍क और सैकड़ों टन मेडिकल उपकरण खरीद लिए थे।

चीन की इस 'साजिश' में चीन की कंपनियां भी शामिल
वह भी तब जब चीन खुद ही इन सामानों का बड़ा उत्‍पादक देश है। यही नहीं चीन दिसंबर तक इन उपकरणों का निर्यात करने वाले चीन ने जनवरी में महामारी के बढ़ने पर इन उपकरणों का निर्यात बंद कर दिया। चीन की इस बड़ी 'साजिश' में चीन की कंपनियां और संगठन पूरी तरह से शामिल रहे। इन कंपनियों ने अमेरिका, यूरोप, ऑस्‍ट्रेलिया और अन्‍य देशों से सारे सामान को खरीदकर चीन भेज दिया। कई चीनी कंपनियों ने मास्‍क जैसे जरूरी चीजें बनाने वाली वैश्विक कंपनियों से कहा कि वे या तो उन्‍हें अपने सामान बेच दें या इस महाआपदा से बचाव के लिए दान कर दें।

चीन की इस चाल के बाद इन देशों में जरूरी मेडिकल उपकरणों की कमी हो गई। चूंकि 'दुनिया की फैक्‍ट्री' कहे जाने वाले चीन ने इन प्रॉडक्‍ट के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, इसलिए ये देश सामान खरीद नहीं सके। तीन महीने बाद आज आलम यह है कि चीन से कोरोना खत्‍म हो गया है और दुनिया अपना घर लुटाकर कोरोना से बचाव के उपकरण खरीदने के लिए चीन के दरवाजे पर भीख मांग रही है।

चीन की 'चाल' के कई सबूत अब सामने आ रहे
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की चाल के ऐसे कई सबूत अब सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि चीन ने दुनियाभर में फैले चीनी मूल के लोगों से कहा कि वे कोरोना मरीजों के बचाव के लिए जरूरी उपकरण खरीदकर दान करें। चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के यूनाइटेड फ्रंट वर्क्‍स ड‍िपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट पर लिखे गए एक लेख में कहा गया है, '(मेडिकल सप्‍लाइ) लगातार खरीदते रहें और इसे चीन को भेजते रहें। आप जितना अधिक से अधिक खरीद सकते हैं, खरीद लीजिए।'

यही डिपार्टमेंट पश्चिमी देशों और देश के अंदर चीन सरकार के अजेंडे को बढ़ावा देता है। इससे चीनी छात्र और विश्‍वविद्यालय जुड़े हैं। इसके बाद यूनाइटेड फ्रंट वर्क्‍स ड‍िपार्टमेंट ने चीनी मूल के लोगों से अपील की कि वे भी जिस देश में रहते हैं, वहां से मेडिकल सप्‍लाइ खरीदकर उसे वापस चीन भेज दें। इसके बाद अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, आर्जेंटीना, ऑ‍स्‍ट्रेलिया, संयुक्‍त अरब अमीरात जैसे देशों से सैकड़ों टन मेडिकल सप्‍लाइ चीन भेजी गई। यही नहीं डिपार्टमेंट ने लोगों को इस बात के लिए प्रोत्‍साहित किया कि वे जब चीन अपने घर लौटें तो अपने साथ मेडिकल सप्‍लाइ लेकर आएं।

अमेरिका में चीन के महावाणिज्‍य दूतावास ने 26 जनवरी को एक नोटिस जारी करके चीनी मूल के लोगों से दान की अपील की थी। इसमें N95 मास्‍क, सूट, गॉगल्‍स, हैंड सैनेटाइजर्स, फ्लू रोधी दवा और इंफ्रारेड थर्मोमीटर दान करने की अपील की थी। बाद में 27 फरवरी को दूतावास ने बताया कि लॉस एंजिलिस में चीनी समुदाय ने 60 टन मेडिकल सप्‍लाइ दान की है। अन्‍य देशों में भी चीनी दूतावास ने इसी तरह से लोगों से दान की अपील की।

2.46 अरब श‍िपिंग कार्टून कोरोना से बचाव के लिए चीन पहुंचे
चीन के कस्‍टम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 24 जनवरी से 29 फरवरी के बीच 2.46 अरब श‍िपिंग कार्टून कोरोना महामारी से बचाव के लिए चीन पहुंचे। इनकी कुल कीमत 1.158 अरब डॉलर है। सात मार्च को चीन के कस्‍टम विभाग ने बताया कि इसमें दो अरब मास्‍क और 25 मिलियन प्रॉटेक्टिव सूट शामिल थे। यह हालत तब है जब चीन के सरकारी समाचार संगठन बीजिंग न्‍यूज के मुताबिक दुनिया के 50 प्रतिशत मास्‍क खुद चीन में बनते हैं। वर्ष 2019 में चीन ने 5 अरब मास्‍क बनाए थे जिसमें से 54 प्रतिशत मेडिकल ग्रेड के मास्‍क थे।

इस तरह से चीन ने जनवरी और फरवरी महीने में दुनिया के बाजार से दो अरब मास्‍क खरीदकर या दान के बहाने उठा लिए। यह दुनिया में सालभर उत्‍पादन किए जाने वाले मास्‍क का आधा है। इस पूरे काम में चीन की कंपनियों ने जमकर साथ दिया। 9 मार्च को खुद चीन के विदेश मंत्रालय ने स्‍वीकार किया था कि जो देश चीन से मास्‍क खरीदना चाहते हैं, उन्‍हें अभी दिक्‍कत होगी। अब कोरोना पूरी दुनिया में फैल चुका है और चीन इन्‍हीं सामानों के लिए पूरे विश्‍व से पैसे मांग रहा है। इसके बाद घटिया सामान भी दे रहा है।